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HMPV की भारत में भी दस्तक, जानिए क्या हैं लक्षण और बचाव

HMPV की भारत में भी दस्तक, जानिए क्या हैं लक्षण और बचाव
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भारत में HMPV वायरस के दो मामले सामने आए हैं।

चीन में HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) के मामलों में बढ़ोत्तरी की ख़बरों के बाद अब कर्नाटक में भी इससे संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं.

चीन में HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) के बढ़ते मामलों की खबरों के बीच, अब कर्नाटक में भी इस वायरस के संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि इससे डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि HMPV एक सामान्य वायरस है, जो मुख्य रूप से सर्दी-ज़ुकाम और सांस से जुड़ी हल्की बीमारियों का कारण बनता है। हालांकि, चीन में इस वायरस के तेजी से फैलने की खबरें मीडिया में आ रही हैं, लेकिन यह कोई नया वायरस नहीं है।

PIB पर जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि HMPV के मामले पहले भी भारत सहित दुनिया के कई देशों में सामने आ चुके हैं। यह वायरस सामान्य रूप से सांस से संबंधित बीमारियां पैदा करता है, जिनका इलाज संभव है।

मंत्रालय ने जनता को सतर्क रहने और आवश्यक स्वच्छता उपाय अपनाने की सलाह दी है, जैसे कि मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचना। साथ ही, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

कर्नाटक में संक्रमण के दो मामले सामने आए

कर्नाटक में ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) के दो मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से एक तीन महीने की बच्ची और दूसरा आठ महीने का बच्चा शामिल है। यह मामले 3 जनवरी को सामने आए हैं।

राज्य में HMPV का पहला मामला सामने आने के बाद, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा कि इसे “HMPV का पहला मामला” कहना सही नहीं होगा, क्योंकि यह वायरस पहले से ही भारत में मौजूद है और अक्सर छोटे बच्चे इससे प्रभावित होते हैं।

राव ने बताया कि तीन महीने की बच्ची के परिवार ने हाल ही में कहीं भी यात्रा नहीं की है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह मामला चीनी वायरस से संबंधित है या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से अब तक वायरस के प्रकार (वेरिएशन) या म्यूटेशन को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि बच्ची की हालत अब स्थिर है और वह ठीक हो रही है। राज्य सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक कदम उठा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि लोगों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है

चीन ने इस वायरस के बारे में क्या जानकारी दी है?

चीन में ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) के मामलों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। अंग्रेज़ी न्यूज़ एजेंसी ग्लोबल टाइम्स, जिसे चीन की सत्ताधारी पार्टी का मुखपत्र माना जाता है, के अनुसार, उत्तरी चीन के इलाकों, बीजिंग, दक्षिण पश्चिमी शहर चोंगकिंग और दक्षिणी चीन के गुआंगदोंग प्रांत में HMPV के कई मामले दर्ज किए गए हैं।

27 दिसंबर 2024 को रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की स्वास्थ्य एजेंसियां सर्दियों में सांस की बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक पायलट सर्विलांस सिस्टम शुरू कर रही हैं। चीन के नेशनल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख ली जेंगलॉन्ग ने बताया कि इस सिस्टम के जरिए अज्ञात कारणों से होने वाले निमोनिया के मामलों पर नज़र रखी जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के तीसरे सप्ताह में चीन में सांस की बीमारियों के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है। इनमें अधिकतर मामले राइनोवायरस और ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) के संक्रमण के हैं। सबसे अधिक मामले चीन के उत्तरी प्रांतों में दर्ज किए गए हैं, और संक्रमितों में मुख्यतः 14 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के दौरान सांस की नली में संक्रमण के मामले आमतौर पर बढ़ जाते हैं। हालांकि, HMPV के स्रोत के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि इस स्थिति को गंभीरता से लिया जा रहा है, और संक्रमण के मामलों की निगरानी और नियंत्रण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

HMPV के लक्षण

HMPV फैलता कैसे है?

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) एक संक्रामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से खांसी और छींक के दौरान निकलने वाले थूक के छोटे कणों के जरिए फैलती है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो ये कण हवा में फैल जाते हैं और दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।

इसके अलावा, यह वायरस निम्नलिखित तरीकों से भी फैल सकता है:

  1. शारीरिक संपर्क: किसी संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, गले मिलने या उन्हें छूने से यह वायरस फैल सकता है।
  2. सतह के संपर्क से: अगर खांसी या छींक से थूक के कण किसी सतह पर गिरते हैं और उस सतह को छूने के बाद व्यक्ति अपने चेहरे, नाक, आंख या मुंह को छूता है, तो यह वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है।

इसलिए, संक्रमण से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना, मास्क पहनना और बार-बार हाथ धोना आवश्यक है।

क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए

  • 1-खांसते-छींकते वक़्त मुंह पर रुमाल या कपड़ा रखें. खांसने और छींकने के लिए अलग रूमाल या तौलिए का इस्तेमाल करें, जिसे कुछ घंटों के बाद साबुन से धो दें.
  • 2-अगर आपको सर्दी ज़ुक़ाम है तो मास्क पहन कर रखें. घर पर रहें और आराम करें. बाहर न जाएं.
  • 3-पानी पीते रहें और पोषक खाद्य पदार्थ खाएं
  • 4-पहले से ही सांस की कोई बीमारी है, तो अपना ख़ास ख़्याल रखें.
  • 5-बिना डॉक्टर के परामर्श से दवाएं न लें

HMPV वायरस क्या है और चिंता की कितनी बात

  • ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) क्या है?
    साइंस डाइरेक्ट के अनुसार, HMPV की उत्पत्ति लगभग 200 से 400 साल पहले चिड़ियों से हुई थी। हालांकि, समय के साथ यह वायरस बार-बार बदलता रहा और अब यह चिड़ियों को संक्रमित नहीं कर सकता।
  • अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, इंसानों में इस वायरस की पहचान पहली बार साल 2001 में हुई थी। तभी यह पता चला कि यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है।
  • क्या यह कोविड-19 जैसा खतरनाक है?
    द गार्डियन
    की एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि HMPV, कोविड-19 की तरह खतरनाक नहीं है। यह वायरस दशकों से मौजूद है और अधिकांश लोगों में इसके प्रति एक स्तर की इम्युनिटी विकसित हो चुकी है। इसके विपरीत, कोविड-19 एक नई बीमारी थी, जिससे पहले कभी इंसानों का सामना नहीं हुआ था। इसी कारण कोविड-19 ने महामारी का रूप ले लिया।
  • चिंता की कितनी बात है?
    विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV मुख्य रूप से सर्दी-ज़ुकाम और सांस से जुड़ी हल्की बीमारियों का कारण बनता है। यह बच्चों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अधिक प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर यह गंभीर स्थिति पैदा नहीं करता।

HMPV से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना, मास्क पहनना, और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना पर्याप्त है। इसे लेकर घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।

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